हरिनाम द्वारा एक गो-भक्षक बना गो-रक्षक

– आचार्य दास द्वारा  ३१ जुलाई को हमारी पदयात्रा तमिलनाडु, करूर से १० किलोमीटर दूर मनलमेडु गाँव के बाहर रुकी । पास में ही एक वृद्धाश्रम था जहाँ वृद्ध, बीमार एवं अपंग लोग रह रहे थे । हमने सोचा कि वे सब यहाँ नहीं आ सकते इसलिए हम ही उनके पास चलते हैं । हमने वहां पहुंचकर सभी रहिवासियों के लिए कथा और कीर्तन किया जिसमें सभी ने उत्साहपूर्वक भाग लिया । जैसे ही हम यह कार्यक्रम समाप्त करके वापस निकले हमने एक व्यक्ति देखा जो एक गाय को खींचकर ले जा रहा था । पीड़ित गाय को देखकर हमें लगा अवश्य...

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