श्री नृसिंह कथा – चैतन्य चरण प्रभु

॥ पहला दिन : अहंकारी हिरण्यकशिपु का नम्र किंतु दृढ़ प्रह्लाद से आमना-सामना ॥ ॥ दूसरा दिन : दमनकारी एवं पापी हिरण्यकशिपु ॥ ॥ तीसरा दिन : भगवान के विभिन्न अवतारों का आधारभूत एवं मूल कारण उनका प्रेम है...

Read More