What is the aim of life

जीवन का लक्ष्य क्या है?

हम यह शरीर नहीं हैं। हम आत्मा हैं। हम पूर्ण पुरुषोत्तम भगवान – श्री कृष्ण के अभिन्न अंग हैं। हमारे जीवन का लक्ष्य परम भगवान श्री कृष्ण के साथ अपने खोए हुए संपर्क को पुनः स्थापित करना है ।
हम सभी को प्रेम की तलाश है। हालांकि लालच, ईर्ष्या, वासना, क्रोध, झूठे अहंकार और भ्रम से भरे हुए इस संसार में -, हम तथाकथित प्रेम की खोज करने का प्रयत्न कर रहे हैं। यह भौतिक संसार दु:खों और कष्टों से भरा है एवं यह अस्थायी है। कोई किसी भी कदम पर समस्याओं में पड़ सकता है। अतः इस भौतिक संसार में हमारा वास्तविक प्रेम पाने का प्रयास सदैव हताशा में ही अंत होता है। वास्तविक प्रेम एवं आनंद पाने के लिए हमें अपने हृदय में सुप्त कृष्ण भक्ति को जागृत करना होगा। मनुष्य जीवन में हमें इस सम्बन्ध को पुनः स्थापित करने का एक सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ है।
सदैव उनके पवित्र नाम का जप, कीर्तन, भक्तों की सेवा और हरिनाम के महत्त्व के प्रसार के द्वारा हमें कृष्णभावनामृत की प्राप्ति होगी।
इस प्रकार जब हम कृष्णभावना में सेवा करते हैं, तब हमें उच्चतम दिव्य प्रेम – प्रेम-भक्ति या कृष्ण-प्रेम – का अनुभव होता है। प्रेम-भक्ति को प्राप्त करना ही जीवन का लक्ष्य है। ऐसा जीवन जो सत, चित्त एवं आनंद से परिपूर्ण है !