लंदन में ४७वां रथयात्रा उत्सव बड़े ही धूम-धाम से मनाया गया। रथ के दोनों ओर एक मील तक भक्तों की बाढ़ को सड़कों पर देखा गया था। जुलूस १२ बजे हाइड पार्क में शुरू हुआ और दोपहर २ बजे ट्राफलगर स्क्वायर पहुंचा। ट्राफलगर स्क्वायर में उत्सव का माहौल था, रथ शाम ५ बजे प्रसिद्ध लार्ड नेल्सन स्तम्भ के नीचे एक बड़े मंच के पास पहुंचा । यह स्तंभ नेपोलियन के युद्ध में अंग्रेजों की विजय का प्रतीक है, और अब विविधता और वैदिक संस्कृति के लिए एक जीत को दर्शा रहा था।
इस उत्सव के लिए परेड मार्ग के किनारे एवं चारों ओर रंगीन पोशाक और बहुत सारे मृदंग, ढोल, बाजों, संगीत और नृत्य के साथ सभी ट्राफलगर स्क्वेयर तक पहुंचे।
उत्सव के दौरान महाप्रसाद के 13,000 से अधिक मुफ्त प्लेट्स: चावल, ताजा पनीर और चना सब्जी, हलवा (मीठा सूजी पकवान), श्रीखण्ड और चटनी के साथ ही 20,000 पेय, राहगीरों को वितरित किया गया।
लंदन के शीर्ष समाचार पत्रों में से एक “डेली टेलीग्राफ” ने अगले दिन आधे पन्ने का समाचार छापा जिसमे इस रथयात्रा को खूब सराहा गया।