अक्षय तृतीया – चन्दन यात्रा आरम्भ
(अगले २१ दिनों तक)
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। इस दिन से अगले २० दिनों तक चन्दन यात्रा महोत्सव मनाया जाता है । भगवान् जगन्नाथ ने राजा इंद्रद्युम्न को स्वयं यह आदेश दिया था कि इस समय पर यह मनाया जाना चाहिए।
भगवान् के शरीर को चन्दन एवं अन्य लेप लगाना भी भक्ति का ही एक अंग है। विभिन्न प्रकार के लेपों में चन्दन का लेप उत्तम माना जाता है। वैशाख का महीना बहुत गर्म होता है इसलिए चन्दन का लेप लगाकर भगवान को शीतलता प्रदान की जाती है।
वृंदावन के सभी मंदिरों में अक्षय तृतीया के दिन भगवान् के उत्सव-विग्रहों को चन्दन के लेप से पूरा ढक दिया जाता है । यह उत्सव इस्कॉन के सभी मंदिरों में भी मनाया जाता है जो प्रायः २१ दिनों तक चलता है । चन्दन का लेप वस्तुतः मई/जून के महीने में भगवान् को गर्मी से रक्षा करने लिए भक्त का भगवान के प्रति प्रेम भाव है।
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