हरिनाम रूचि यानि मात्र श्री हरि या श्री कृष्ण के पवित्र नामों के स्वाद का आनंद लेना । भगवान श्री कृष्ण का नाम बद्ध जीव के लिए अमृत के समान है और हरे कृष्ण महामंत्र द्वारा भगवान के नामों का उच्चारण ही इस कलियुग का युगधर्म है ।
चेक गणराज्य में १५ से अधिक उत्साही भक्तों ने “त्रुटनोव फेस्टिवल” में हरिनाम और श्रील प्रभुपाद की पुस्तकों बाढ़ ला दी ।
–प्रेषित: ISKCON Desire Tree – Hindi
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