श्री कृष्ण चैतन्य – संन्यास

— मकर संक्रांति पर विशेष —  गौड़ीय वैष्णवों के लिए यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि हम सभी को भवसागर से पार कराने के लिए अवतरित हुए दया के सागर श्री चैतन्य महाप्रभु ने आज से ५०६ वर्ष पूर्व, सन १५१० में, श्रील केशव भारती द्वारा कटवा नामक स्थान पर सन्यास ग्रहण किया था ।  वैसे तो भगवान श्री चैतन्य हर तरह से स्वतंत्र हैं परन्तु शास्त्रों की मर्यादाओं का सम्मान करने हेतु उन्होंने श्रील केशव भारती से संन्यास लिया।  संन्यास ग्रहण करने से पहले ही महाप्रभु ने अपने कुछ अन्तरंग पार्षदों को इसकी जानकारी दे दी थी । कुछ ही...

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