अच्युतानंद: क्या कुछ स्वामियों द्वारा सामान्य जन को कुछ चमत्कार दिखाकर आध्यात्मिकता की ओर आकर्षित करना सही है ?
मैं क्यों चमत्कार दिखाऊं? यह क्या व्यवसाय है? मुझे सत्य बोलना है, बस। चमत्कार का क्या लाभ है? जब आप स्कूल या कॉलेज जाते हो तो क्या वहां चमत्कार देखते हो या ज्ञान की पुस्तकों से सीखते हो? कृष्ण ने कभी ये नहीं कहा कि आप किसी ऐसे गुरु के पास जाओ जो चमत्कार दिखा सके । नहीं उन्होंने ऐसे कभी नहीं कहा । वे कहते हैं:-
तद्विद्धि प्रणिपातेन परिप्रश्नेन सेवया |
उपदेक्ष्यन्ति ते ज्ञानं ज्ञानिनस्तत्त्वदर्शिनः || भ गी ४.३४ ||
किसी ज्ञानी के पास जाओ जिसने तत्त्व-दर्शी है, नाकि किसी जादूगर या करामाती के पास। यह एक विज्ञान है कोई जादू नहीं। तद-विज्ञानार्थम् स गुरुम एव अभिगच्छेत (मु उ १.२.१२) । यहि वैदिक निषेधाज्ञा है ताकि हम उस विज्ञानं को समझ सकें, जादू या कारनामों से नहीं।
चमत्कार यह है, ये सब माँसाहारी, शराबी और स्त्री-लम्पट आज वैष्णव बन गए हैं। ये वास्तव में चमत्कार है। अगर आप अपनी आँखों से देख सकते हैं तो यह देखिये अगर नहीं तो अलग बात है। इसे कहते हैं चमत्कार।