आज वराह द्वादशी पर विशेष

आज वराह द्वादशी पर विशेष : परम पुरुषोत्तम भगवान भौतिक प्रकृति के नियमों द्वारा संचालित होकर कोई अवतार नहीं लेते ।यहाँ ‘स्वेच्छा’ शब्द यह इंगित करता है कि वे अपनी प्रधान इच्छा द्वारा ही प्रकट होते हैं । बद्ध जीव, परम भगवान के निर्देशन में अपने कर्मों के अनुसार भौतिक प्रकृति के नियमों के अंतर्गत एक विशेष प्रकार का शरीर पाता है । परन्तु जब भगवान प्रकट होते हैं तो वे भौतिक प्रकृति के आदेशों द्वारा विवश नहीं होते ; वे अपनी इच्छा से अपनी अंतरंग शक्ति द्वारा प्रकट होते हैं । यही अंतर है । बद्ध जीव कोई...

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