हमारे अनर्थ और कृष्ण-लीला के असुर

भगवान श्री कृष्ण अपनी लीलाओं द्वारा भक्तों को आनंद प्रदान करते हैं तथा असुरों का नाश भी करते हैं । हमारे आचार्य बहुत ही सुन्दर ढंग से भक्ति में अवरोध उत्पन्न करने वाले अनर्थों की तुलना इन असुरों से करते हुए बताते हैं कि किस प्रकार यदि हम भगवान को आत्मसमर्पण कर देंगे तो वे इन असुर रूपी अनर्थों से हमें मुक्ति देंगे । श्रील भक्तिविनोद ठाकुर द्वारा रचित श्री चैतन्य शिक्षमृत में वे वर्णन करते हैं कि भगवान के वृन्दावन लीला के समय मारे गए असुर, विभिन्न प्रकार के अनर्थों का प्रतिनिधित्व करते हैं । १. पूतना – पाखंडी गुरु। २. शकटासुर...

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