इस्कॉन की ५० वीं वर्षगांठ पर भगवान जगन्नाथ ने लंदनवासियों पर कृपावर्षा की:
लन्दन में इस्कॉन द्वारा ४८वां रथयात्रा महामहोत्सव मनाया गया। इस्कॉन लंदन से भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और बलदेव जी को तीन विभिन्न सुंदर विभूषित रथों पर ले जाया गया। इस्कॉन की 50 वीं वर्षगांठ समारोह के कारण रथों पर “इस्कॉन ५०” का प्रतीक चिन्ह (लोगो) भी लगाया गया था।
यात्रा हाइड पार्क कॉर्नर से आरम्भ हुई। भगवान के रथों को धूमधाम से लंदन के सबसे प्रसिद्ध स्थलों से ले जाया गया जिनमे पार्क लेन, द रिट्ज, पिकाडिली सर्कस, नेल्सन कॉलोम शामिल थे।
ब्रिटेन के सभी हिस्सों के भक्त ब्रिटेन के सबसे बड़े रथयात्रा महोत्सव का लाभ उठाने के लिए एकजुट हुए थे। कई सन्यासी जैसे आत्मनिवेदन स्वामी, भक्ति रसामृत स्वामी, जनानंद गोस्वामी, कदम्ब कानन स्वामी, महाविष्णु स्वामी, प्रभोदानंद सरस्वती स्वामी और अन्य वरिष्ठ श्रील प्रभुपाद के शिष्य जो की पुरे यूरोप से आये थे, वे सभी इस रथयात्रा की शोभा बढ़ा रहे थे।
यह शानदार समारोह शहर के प्रतिष्ठित ट्राफलगर स्क्वायर पर समाप्त हुआ। प्रमुख मंच पर भजनों का नेतृत्व जान्हवी हैरिसन, गोपीभाव देवी दासी और श्रील प्रभुपाद के शिष्यो ने किया। दर्शकों का मनोरंजन अवतारी देवी द्वारा ओडीसी नृत्य से किया गया। योग, मंत्र ध्यान, आध्यात्मिक साहित्य, और मुख-चित्रकारी की व्यवस्था भी कि गई थी।
भक्तिवेदांत मैनर द्वारा बनाया गया स्वादिष्ट शाकाहारी व्यंजन (कृष्ण प्रसादम) की २०,००० से अधिक थालीयां निःशुल्क परोसी गयीं।
यह महोत्सव श्रील प्रभुपाद को भेंट के रूप में महत्वपूर्ण समर्पण था, जिनके कारण भारत की वैदिक संस्कृति पाश्यात्य देशों में पहुंची।
यह समारोह हरे कृष्ण भक्तों द्वारा उर्जात्मक कीर्तन से समाप्त किया गया।