आत्मा तथा परमात्मा – दो मित्र पक्षी

मुण्डक तथा श्र्वेताश्र्वतर उपनिषदों में आत्मा तथा परमात्मा की उपमा दो मित्र पक्षियों से दी गयी है और जो एक ही वृक्ष पर बैठे हैं | इनमें से एक पक्षी (अणु-आत्मा) वृक्ष के फल खा रहा है और दूसरा पक्षी (कृष्ण) अपने मित्र को देख रहा है | यद्यपि दोनों पक्षी समान गुण वाले हैं, किन्तु इनमें से एक भौतिक वृक्ष के फलों पर मोहित है, किन्तु दूसरा अपने मित्र के कार्यकलापों का साक्षी मात्र है | कृष्ण साक्षी पक्षी हैं, और अर्जुन फल-भोक्ता पक्षी | यद्यपि दोनों मित्र (सखा) हैं, किन्तु फिर भी एक स्वामी है और दूसरा...

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