सम्पूर्ण विश्व के समाचार पत्रों एवं मीडिया ने बड़े स्तर पर इस्कॉन के स्थापना दिवस को प्रसारित किया
विश्व के बड़े समाचार पत्रों तथा टीवी चैनलों ने १३ जुलाई को इस्कॉन के स्थापना की ५०वीं वर्षगाँठ को बहुत ही सकारात्मक शब्दों में लाखों-करोड़ों लोगों तक पहुँचाया ।
बीबीसी (लंदन), ऑस्ट्रेलियाई प्रसारण संस्था, द शिकागो ट्रिब्यून, टाइम्स ऑफ़ इंडिया और भारत के सरकारी चैनल-दूरदर्शन (नेशनल) टीवी आदि में इस्कॉन के इतिहास और श्रील प्रभुपाद के उपलब्धियों तथा विश्व भर में होने वाले अनेक कार्यक्रमों के विषय में विस्तार समाचार प्रसारित किये गए ।
बीबीसी लंदन में अपने प्रमुख समाचारों में प्रसारित किया । समाचार का विषय था “लंदन के हरे कृष्ण भक्तों ने ५०वीं वर्षगांठ मनाई” । भक्तों ने ऑक्सफ़ोर्ड स्ट्रीट पर हरिनाम संकीर्तन किया तथा ५००० कप-केक बांटे । भक्तों के इंटरव्यू हुए कि कैसे वे अपने व्यवसाय एवं नौकरियां करते हुए अपने घरों में भक्ति कर रहे हैं । कई राहगीरों से भी इस्कॉन के विषय में इंटरव्यू हुए जिसमे सभी ने सकारात्मक उत्तर दिए । कई लोगों ने सड़कों पर हरिनाम संकीर्तन को भी सराहा ।
बीबीसी समाचार के संवाददाता ने अंत में कहा कि, “मैं आशा करता हूँ हरे कृष्ण आगामी ५० वर्षों तक भी लंदन में रहें ।”
ऑस्ट्रेलियाई प्रसारण संस्था (ABC) ने श्रील प्रभुपाद, पाश्चात्य देशों की उनकी यात्रा और वर्तमान में इस्कॉन के प्रचार कार्यों के विषय में समाचार प्रसारित किया । समाचार में ऑस्ट्रलियाई लोगों को यह बताया गया कि इस्कॉन, प्राचीन वैदिक या हिन्दू संस्कृति का ही अंश है, जिसका दर्शन एवं शास्त्र संस्कृत ग्रन्थ भगवद-गीता एवं श्रीमद-भागवतम पर आधारित है । इस्कॉन के भक्त भगवान् कृष्ण को पूजते हैं एवं भक्ति-योग का अनुसरण करते हैं ।
इस्कॉन ऑस्ट्रेलिया के कृषि-समुदाय नव-गोवर्धन कृषिक्षेत्र के कई भक्तों के इंटरव्यू भी हुए ।
भारत के प्रमुख समचपत्रों में से एक “टाइम्स ऑफ़ इंडिया” के आध्यात्मिकता से जुड़े साप्ताहिक लेख ‘द स्पीकिंग ट्री’ (The Speaking Tree) में इस्कॉन की ५०वीं वर्षगांठ के विषय में पूरा पन्ना भर के लेख छापा गया था । इस अतिरिक्त साप्ताहिक अंक की लगभग १० लाख प्रतियां छापी जाती हैं ।
इस अंक में विस्तार से हरे कृष्ण आंदोलन के इतिहास और वर्तमान गतिविधियों की जानकारी दी गयी थी ।
भारत के सरकारी टीवी चैनल, दूरदर्शन नेशनल पर एक घंटे का कार्यक्रम प्रसारित किया गया जिसमे इस्कॉन रोहिणी (दिल्ली) के अध्यक्ष श्रीमान केशव मुरारी दास द्वारा कई सक्षिप्त वीडियो के साथ इस्कॉन द्वारा अनेक प्रचार गतिविधियों को दर्शाया गया । उन्होंने बताया कि कैसे श्रील प्रभुपाद ने इस आंदोलन को प्रारम्भ किया, वर्तमान में इस्कॉन की उपलब्धियां क्या रही हैं जैसे, आंदोलन का प्रसार ६५० केंद्रों के रूप में हुआ, ३० करोड़ प्लेट निशुल्क प्रसाद वितरित किया जा चुका है, ५ करोड़ से अधिक आध्यात्मिक पुस्तकें बांटी जा चुकी हैं । इस कार्यक्रम में अनेक युवा-उत्सवों जैसे कानपूर तथा पुणे युवा-उत्सव, के संक्षिप्त वीडियो भी दिखाए गए, जिसमे २० हज़ार से भी अधिक युवाओं ने भाग लिया था । इंग्लैंड के प्रधानमंत्री द्वारा इस्कॉन लंदन में दर्शन हेतु आने तथा उनके द्वारा ५०वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम में भाग लेते हुए वीडियो भी दर्शाए गए ।
अंततः सभी समाचारों में प्रसारण का मुख्य प्रसंग यही था कि हरे कृष्ण भक्त साधारण जीवन जीते हुए भक्ति को अंगीकार किये हुए हैं और प्रसन्नता पूर्वक समाज में आध्यात्मिकता का पालन कर रहे है ।
इसी प्रकार के कई और कार्यक्रमों के प्रसारित होने की आशा है जोकि वर्षभर अमेरिका, इंग्लैंड, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, भारत, एवं अन्य देशों में मनाए जायेंगे ।
बीबीसी लंदन – http://www.bbc.com/news/uk-england-london-36786023
‘द स्पीकिंग ट्री’ (The Speaking Tree) – http://www.speakingtree.in/article/50-years-of-krishna-consciousness
ऑस्ट्रेलियाई प्रसारण संस्था (ABC) – http://www.abc.net.au/news/2016-07-11/hare-krishna-community-celebrates-50-years-as-religious-movement/7585602
प्रेषक: ISKCON Desire Tree-हिंदी
hindi.iskcondesiretree.com
facebook.com/IDesireTreeHindi
Hare krishna. ? ? ? very nice to spread krishna consciousness all over the world. ????